आचार्य चाणक्य के सिद्धांतो एवं महामना पं० मदन मोहन मालवीय जी के संस्कारों से प्रेरित
विश्व ब्रह्मर्षि ब्राह्मण महासभा पंजीकृत
( सम्पूर्ण भारत )
ब्रह्मऋषि विभूति बी. के. शर्मा हनुमान के चितंन और लेखन से मेरा पुराना परिचय है उनके चिंतन लेखन की विकास प्रक्रिया को मैंने करीब से देखा है । प्रत्येक व्यक्ति सोचता है लेकिन सोच उसका श्रेष्ठ होता है । जो समाज को एक नई दिशा दे सके, रास्ता दिखा सके । आज ऐसे लोगो का अकाल नहीं तो आभाव जरूर है। ब्रह्मऋषि विभूति बी. के. शर्मा हनुमान उन विचारकों में से एक है जो इस आभाव को कम कर रहे है । ब्रह्मत्रऋषि विभूति बी. के. शर्मा हनुमान की प्रवृत्ति सदैव जागे । रहने और जगाते रहने की रही है। मन कर्म वचन से बेहद जागरूक हनुमान जी की लेखनी ने सर्व समाज में फैली कुरीतियों के खिलाफ आवाज बुलन्द की है तो कही सामाजिक न्याय के पक्ष में जनमत जुटाया है। कहीं उनकी लेखनी लोकतंत्र पर चर्चा करती नजर आती हैं तो कही अध्यात्म और धर्म चर्चा में लीन हो जाती हैं। कही ब्रह्मऋषि विभूति बी. के. शर्मा हनुमान जी लेखनी नैतिकता का पाठ पढाती हुई लगती है। तो कही कन्या भ्रूण हत्या क्यों, आतंकवाद के खिलाफ सिंह गर्जना करती है। लेकिन एक बात जरूर है, विषय कोई रहा हो, कोई घटना रही हो, ब्रह्मऋषि विभूति बी. के. शर्मा हनुमान जी लेखनी ने हमेशा साकात्मकता को ही प्रश्रय दिया है।
1. देव वाणी संस्कृत के पठन पाठन के प्रबन्ध से संस्कारों व संस्कृति की रक्षा करना तथा राष्ट्रभाषा हिन्दी के प्रभार का यत्न करना।
2. मेधावी छाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना ।
3. ब्राह्मणों को नित्य कर्मकाण्डव संस्कारों के करने के लिये प्रशिक्षित करना तथा उपदेशकों को प्रचारार्थ शिक्षा देना ।
4. बाह्मणों की आर्थिक उन्नति के लिये कृषि, आयुर्वेदिक ज्योतिष, व्यापार इत्यादि अर्थकारी परियोजनाओं के लिये प्रशिक्षण की व्यवस्था करना ।
5. प्राचीन ऋषियों की धरोवर (धर्म, कला, साहित्य, सभ्यता, संस्कृति, संस्कार, विज्ञान आदि) को सुरक्षित रखना व अप्रकाशित पुस्तकों को यथा संभव छपवाना।
8. ब्राह्मण विधवाओं और दीन अनामों के आश्रयार्थ यथाशक्ति परिसर का प्रबन्ध करना एवं जाति में प्रचलित कुरीतियों और त्रुटियों को पूर्ण रूपेण दूर करने का यत्न करना।
9. ब्राह्मण समाज के हित में मासिक पात्रिका का प्रकाशन तथा स्थाई कोष एवं इसके मुद्रण यन्त्र का प्रबंध करना।
10. भारत के भिन्न भिन्न स्थानों पर महाराभा द्वारा अधिवेशन / कार्यशालाओं का आयोजन करना।
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विश्व ब्रह्मर्षि ब्राह्मण महासभा अधिकतर ज़रूरतमंद लोगों तक मदद पहुँचाने का कार्य करती है।बहुत सी संस्थाओं ने ज़रूरत पड़ने पर लोगों के साथ खड़े रहकर सामाजिक दायित्व का प्रशंसनीय निर्वाह किया है।जिस समय समाज के इस वर्ग का कोई नहीं होता विश्व ब्रह्मऋषि ब्राह्मण महासभा उनकी मदद करती है। अस्थाई स्थल के निर्माण से लेकर स्थाई आवास चिकित्सा व्यवस्था,भोजन,कपड़े,कृषि कार्यों में सहायता की है।आपदा के कारण पीड़ितों द्वारा घर खो जाने पर उनका पुनर्वास कराया है। पात्र कन्याओं की शादियां, कन्या भ्रूण हत्या क्यों पर सेमिनार, शिक्षित ब्राह्मण, सशक्त ब्राह्मण, संगठित ब्राह्मण, सक्षम ब्राह्मण, का प्रयास आदि
विश्व ब्रह्मर्षि ब्राह्मण महासभा विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से अपने सभी सदस्यों की बौद्धिक, सामाजिक, शारीरिक, भावनात्मक और रचनात्मक क्षमताओं का समग्र विकास सुनिश्चित करती है
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